बाल साहित्य के पुरोधा: प्रकाश मनु

जन्मदिन विशेष: रजनीकांत शुक्ला का लेख

LIMELIGHT MEDIA: बहुआयामी प्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक और बच्चों के प्रिय लेखक प्रकाश मनु का जन्म 12 मई, 1950 को शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
हालांकि उनकी शिक्षा आगरा कॉलेज, आगरा से भौतिक विज्ञान में एमएससी (1973) में हुई मगर साहित्यिक रुझान के कारण उनके जीवन का ताना-बाना ही बदल गया। 1975 में हिंदी साहित्य में एमए किया और 1980 में यूजीसी के फेलोशिप के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ‘छायावाद एवं परवर्ती काव्य में सौंदर्यानुभूति’ विषय पर शोध संपन्न किया। कुछ वर्ष प्राध्यापक भी रहे। लगभग ढाई दशकों तक बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे। अब स्वतंत्र लेखन कार्य कर रहे हैं। प्रसिद्ध साहित्यकारों के संस्मरण, आत्मकथा तथा बाल साहित्य से जुड़ी कुछ बड़ी योजनाओं पर काम कर रहे हैं।

उनके उपन्यास: यह जो दिल्ली है, कथा सर्कस, पापा के जाने के बाद।

उनकी कहानियाँ: अंकल को विश नहीं करोगे, सुकरात मेरे शहर में, अरुंधती उदास है, जिंदगीनामा एक जीनियस का, तुम कहाँ हो नवीन भाई, मिसेज मजूमदार, मिनी बस, दिलावर खड़ा है, मेरी श्रेष्ठ कहानियाँ, मेरी इकतीस कहानियाँ, 21 श्रेष्ठ कहानियाँ, प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ, मेरी कथायात्रा: प्रकाश मनु, मेरी ग्यारह लंबी कहानियाँ।


उनकी कविताएं: एक और प्रार्थना, छूटता हुआ घर, कविता और कविता के बीच।
उनकी जीवनी: जो खुद कसौटी बन गए
आत्मकथा: मेरी आत्मकथा: रास्ते और पगडंडियाँ।

हिंदी के दिग्गज साहित्यकारों के लंबे, अनौपचारिक साक्षात्कारों की किताब ‘मुलाकात’ बहुचर्चित रही। ‘यादों का कारवाँ’ में हिंदी के शीर्ष साहित्कारों के संस्मरण। देवेंद्र सत्यार्थी, रामविलास शर्मा, शैलेश मटियानी, रामदरश मिश्र तथा विष्णु खरे के व्यक्तित्व और साहित्यिक अवदान पर गंभीर मूल्यांकनपरक पुस्तकें। साहित्य अकादेमी के लिए देवेंद्र सत्यार्थी और विष्णु प्रभाकर पर मोनोग्राफ। सत्यार्थी जी की संपूर्ण जीवनी ‘देवेंद्र सत्यार्थी: एक सफरनामा’ प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है। इसके अलावा ‘बीसवीं शताब्दी के अंत में उपन्यास: एक पाठक के नोट्स’ आलोचना में लीक से हटकर एक भिन्न ढंग की पुस्तक।

बाल साहित्य की सौ से अधिक पुस्तकें, जिनमें प्रमुख हैं— प्रकाश मनु की चुनिंदा बाल कहानियाँ, मेरे मन की बाल कहानियाँ, मेरी संपूर्ण बाल कहानियाँ (तीन खंड), मैं जीत गया पापा, मेले में ठिनठिनलाल, भुलक्कड़ पापा, लो चला पेड़ आकाश में, चिन-चिन चूँ, मातुंगा जंगल की अचरज भरी कहानियाँ, मेरी प्रिय बाल कहानियाँ, इक्यावन बाल कहानियाँ, नंदू भैया की पतंगें, कहो कहानी पापा, बच्चों की 51 हास्य कथाएँ, चुनमुन की अजब-अनोखी कहानियाँ, गंगा दादी जिंदाबाद, किस्सा एक मोटी परी का, चश्मे वाले मास्टर जी, धरती की सब्जपरी, जंगल की कहानियाँ, अजब-अनोखी शिशुकथाएँ (तीन खंड), बच्चों का पंचतंत्र, ईसप की 101 कहानियाँ, तेनालीराम की चतुराई के अनोखे किस्से, (कहानियाँ), प्रकाश मनु के संपूर्ण बाल उपन्यास (दो खंड), गोलू भागा घर से, एक था ठुनठुनिया, चीनू का चिड़ियाघर, नन्ही गोगो के कारनामे, खुक्कन दादा का बचपन, पुंपू और पुनपुन, नटखट कुप्पू के अजब-अनोखे कारनामे, खजाने वाली चिड़िया, अजब मेला सब्जीपुर का (उपन्यास), मेरी संपूर्ण बाल कविताएँ, प्रकाश मनु की बाल कविताएँ, बच्चों की एक सौ एक कविताएँ, हाथी का जूता, इक्यावन बाल कविताएँ, हिंदी के नए बालगीत, बच्चों की अनोखी हास्य कविताएँ, मेरी प्रिय बाल कविताएँ, मेरे प्रिय शिशुगीत, 101 शिशुगीत (कविताएँ), मुनमुन का छुट्टी-क्लब, इक्कीसवीं सदी के बाल नाटक, मेरे संपूर्ण बाल नाटक (दो खंड), बच्चों के अनोखे हास्य नाटक, बच्चों के रंग-रँगीले नाटक, बच्चों को सीख देते अनोखे नाटक, बच्चों के श्रेष्ठ सामाजिक नाटक, बच्चों के श्रेष्ठ हास्य एकांकी (बाल नाटक), विज्ञान फंतासी कथाएँ, अजब-अनोखी विज्ञान कथाएँ, सुनो कहानियाँ ज्ञान-विज्ञान की, अद्भुत कहानियाँ ज्ञान-विज्ञान की (बाल विज्ञान साहित्य)।

उन्होंने ‘हिन्दी बाल कविता का इतिहास’ और ‘बाल साहित्य का इतिहास भी लिखा है।

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