इंद्रदेव त्रिवेदी
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अपने वोटर खोज रहे हैं
गली सड़क चौराहों पर।
कितने नेता घूम रहे हैं
गली सड़क चौराहों पर।।
पहले कुछ का पता नहीं था
ये भी भू के नेता हैं।
जो जीतेंगे वो असली हैं
बाकी नकली नेता हैं।
कैसे जीते सोच रहे हैं
गली सड़क चौराहों पर।।
कितने नेता…….
राजनीति के दलदल में घिर
फिर दलदल हो जाते वे।
दल से टिकट नहीं मिल पाया
फिर निर्दल हो जाते वे।।
पूरी ताकत झोंक रहे हैं
गली सड़क चौराहों पर।।
कितने नेता…….
पैरों पड़ना हाथ जोड़ना
राजनीति सिखला देती।
इसे साधना उसे जोड़ना
चालें हर बतला देती।।
अपने वोटर सूंघ रहे हैं
गली सड़क चौराहों पर।।
कितने नेता…….
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