अब CCL 30 दिन से ज़्यादा नहीं। शपथ पत्र देने से मिली निजात। स्टडी लीव नहीं मिल सकेगी अब

बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश

गौरतलब है कि परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों आदि की अवकाश प्रक्रिया और सेवा पुस्तिका आनलाइन कर दी गई हैं। परिषदीय शिक्षकों व कर्मचारियों की अवकाश स्वीकृति की प्रक्रिया में कई बिंदु अस्पष्ट थे। कुछ जटिलताएं भी थीं।

इन अस्पष्टताओं और जटिलताओं को दूर करने तथा विभिन्न अवकाशों व उनकी प्रक्रिया को सरल करने के साथ उनमें एकरूपता व पारदर्शिता लाने के बारे में सुझाव देने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष 26 जुलाई को एक समिति गठित की थी।

समिति के सुझावों को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बीती मार्च में शासन को भेजा था। शासन ने इन सुझावों को अनुमोदित करते हुए महानिदेशक स्कूल शिक्षा को इन पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

अभी तक परिषदीय शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों के लिए बाल्य देखभाल अवकाश की स्वीकृति के लिए एक बार में अधिकतम दिनों की संख्या निर्धारित नहीं थी। शासन ने स्पष्टकर दिया है कि बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में सामान्यत: अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा।

चुनाव या आपदा या जनगणना या बोर्ड परीक्षा या फिर स्कूल की परीक्षा की अवधि व उससे पांच दिन पहले की तारीखों के लिए प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों को खंड शिक्षा अधिकारी/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी निस्तारित करेंगे। इससे भिन्न अवधियों के लिए प्राप्त हुए बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों (विद्यालय बंद होने की स्थिति को छोड़कर) को खंड शिक्षा अधिकारी अनिवार्य रूप से बीएसए को भेजेंगे। बीएसए इन प्रकरणों को अनिवार्य रूप से स्वीकृत करेंगे।

शासनादेश के अनुसार परिषदीय विद्यालयों के कार्मिकों को निर्बन्धित अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं होगा। शासन ने यह भी तय कर दिया है कि शिक्षकों-शिक्षणेत्तर कर्मियों को ग्रीष्मावकाश/शीतावकाश में शासन के आदेश पर कार्य करने के एवज में ही अर्जित/उपार्जित अवकाश दिया जाएगा

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