भारत सरकार का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सख़्त संदेश: शशि थरूर को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की कमान, कांग्रेस में सियासी हलचल
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ विदेशों में संदेश देने के लिए बनाया 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल
कांग्रेस सांसद शशि थरूर को मिली एक दल की कमान
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ सख़्त रुख़ अपनाते हुए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है, जो विभिन्न देशों में जाकर भारत का पक्ष और आतंकवाद के खिलाफ कठोर संदेश साझा करेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सौंपा गया है।

कांग्रेस में घमासान: थरूर के नाम पर नहीं थी सहमति
जयराम रमेश ने किया तंज – “कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, अलग बात है”
कांग्रेस पार्टी ने सरकार को चार नाम सुझाए थे, जिनमें थरूर का नाम शामिल नहीं था। सरकार द्वारा एकतरफा तौर पर थरूर का चयन किए जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अप्रत्यक्ष तंज कसा। उन्होंने कहा:
“कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, ज़मीन-आसमान का फर्क है। कांग्रेस एक विशाल गंगा है, जिसमें कई सहायक नदियां बहती हैं—कुछ सूख जाती हैं, कुछ प्रदूषित हो जाती हैं।”
जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने कांग्रेस से विचार-विमर्श किए बिना थरूर को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है, जो लोकतांत्रिक परंपरा के विरुद्ध है।
शशि थरूर का जवाब – “राष्ट्रीय हित सर्वोपरि”
“जब देश को ज़रूरत हो, तो मैं पीछे नहीं हटता”
शशि थरूर ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा:
“मैं भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात हो और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा। जय हिंद!”
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने यह सूचना पार्टी को पहले ही दे दी थी और उन्हें लगता है कि ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर देश को एकजुट रहना चाहिए।
थरूर बोले – “पार्टी को अपनी राय रखने का हक़ है”
“मैं ज़िम्मेदारी निभाने के लिए हमेशा तैयार हूं”
थरूर ने आगे कहा:
“मेरी पार्टी मेरे बारे में क्या सोचती है, यह उसका अधिकार है। लेकिन मैं हर ज़िम्मेदारी को, चाहे वो संयुक्त राष्ट्र में रही हो या पार्टी में, पूरी ईमानदारी से निभाता आया हूं और इस बार भी निभाऊंगा।”
किरेन रिजिजू ने साझा की सूची“सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की एकता का प्रतीक”
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सात प्रतिनिधिमंडलों के नेताओं की आधिकारिक सूची साझा करते हुए कहा:
“इस समय सबसे ज़रूरी है कि भारत एकजुट रहे। इन प्रतिनिधिमंडलों का मक़सद है आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दुनिया तक पहुंचाना। यह राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।”
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