सूफियाना कलामों से सजी रही रात भर महफ़िल, कुल शरीफ में मुल्क़ की तरक़्क़ी के लिए कीं दुआएं
बरेली। हजरत कोहड़ापीर शाह रहमतुल्लाह का चार रोजा उर्स बड़ी शान ओ शौकत से मनाया गया. आज तीसरे दिन महफिले समा कव्वाली का प्रोग्राम आयोजित किया, जिसमें कव्वाल निज़ाम साबरी कलियरी, कव्वालशमीम कुंदरकी ने रूहानी सूफियाना कलाम पढ़ते हुए अपने पीर की मोहब्बत का नज़राना पेश किया. सूफियाना कलाम को पूरी रात बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिकों एवं अकीदत रखने वाले तमाम लोग सुकून और मोहब्बत के साथ सुनते रहे.
इसके बाद 15 जून की सुबह बाद नमाज़ ए फजर दरगाह पर शहदाना वली के सज्जादा अब्दुल वाजिद बब्बू साहब, सलीम रज़ा नूरी, हाजी, वसी अहमद वारसी, चौधरी अहमद मियां आदि ने दरगाह पर ग़ुस्ल करते हुए संदल और चादर पेश की गयी. सलातो सलाम पढ़ते हुए इस मुल्क में अमन और चैन व तरक्की की दुआ की.
कुल से पूर्व निज़ाम साबरी ने रंग पढ़ते हुए तमाम वालियों की शान में कलाम पेश किए और उसके बाद अपने वक्त पर फातिहा नियाज़ नज़र की गई. इस मौके पर तहसीन-ए-मिल्लत तहसीन रज़ा खान साहब के बेटे हजरत रिजवान रजा खान, मुफ्ती सगीर अहमद, मौलाना ओवैस रजा, हकीम हाजी निराले मियां, अब्दुल वाजिद, सलीम रज़ा, मौलाना कैफ रजा ने फातेहा पढ़ने के बाद अपने वतन हिंदुस्तान की तरक्की खुशहाली और एक दूसरे से मोहब्बत की दुआ की. सरकार नबी-ए-करीम मोहम्मद मुस्तफा रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में सलातो सलाम का नज़राना पेश किया गया!
इस प्रोग्राम में प्रमुख रूप से आयोजक दरगाह प्रबंधक चौधरी अहमद मियां, हकीम हाज़ी निराले मियां, अरमान चौधरी, डॉक्टर मोहम्मद शोएब, डॉ. शाहनवाज, अर्पित अग्रवाल, मोहम्मद फिज़रान, महेन्द्र गुप्ता, फैसल वारसी, हाजी नजमुल इस्लाम, चौधरी असलम मियां, अदीब वारसी,आदि के अलावा सभी लोगो ने सहयोग किया